5 SIMPLE TECHNIQUES FOR अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

5 Simple Techniques For अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

आचार्य प्रशांत: ईगो (अहंकार) का सांकेतिक, शाब्दिक, आध्यात्मिक सब एक ही अर्थ होता है – ‘मैं’। ‘मैं’ की भावना को अहम्, ईगो कहते हैं। शब्दो�

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